मुंबई, 28 सितम्बर (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) - जर्मन कार निर्माता कंपनी- वोक्सवैगन की एक अधिकारी का कहना है कि थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन की एक जांच में अवैध, अनियमित खानों में बाल मजदूरों की मौत के खुलासे के बाद से कंपनी ने भारत के अपने कुछ आपूर्तिकर्ताओं से अभ्रक खरीदना बंद कर दिया है।
बिहार, झारखंड, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में तीन महीने की जांच से पता चला था कि मेकअप और कार पेंट में चमक लाने के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले खनिज-अभ्रक के खनन के दौरान जून से कम से कम सात बच्चों की मौत हो चुकी है।
वोक्सवैगन की प्रवक्ता लेस्ली बोज ने कहा कि इस जांच के अलावा मानवाधिकार समूह-तेर देज़ोम्स द्वारा उद्योग में कराये गये अध्ययन से दुनिया की शीर्ष कार निर्माता कंपनी ने भी भारत में अपने आपूर्तिकर्ताओं की जांच शुरू कर दी है।
वोक्सवैगन और भारत में उसके पहले स्तर के या सीधे पेंट की आपूर्तिकर्ताओं ने ऐसी वैध खानों से अभ्रक की खरीदारी सुनिश्चित करने के अतिरिक्त उपाय किये हैं, जहां बच्चों से काम नहीं करवाया जाता है।
सवालों के जवाब में भेजे एक ई-मेल में बोज ने एक कहा, "दूसरे स्तर पर भी अतिरिक्त सावधानी बरतनी शुरू कर दी गई है। जांच पूरी होने और संबंधित उपाय लागू किये जाने तक कुछ आपूर्ति श्रृंखला से खरीद पर अस्थायी रोक लगाई गयी है।"
उन्होंने कहा कि वोक्सवैगन के पेंट आपूर्तिकर्ता बाल मजदूरी की समस्या के समाधान और अभ्रक आपूर्ति श्रृंखला में बाल श्रम को रोकने के लिए "उद्योग और बहु हितधारक मंच" बनाने की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं।
बोज ने कहा, "स्थायी समाधान खोजना आसान कार्य नहीं है और इसमें समय भी लगेगा।"
भारत दुनिया के सबसे बड़े अभ्रक उत्पादकों में से एक है। अभ्रक चांदी के रंग का क्रिस्टलीय खनिज है और पर्यावरण अनुकूल होने के कारण हाल के वर्षों में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है।
श्रम अधिकारों के लिये कार्य करने वालों का अनुमान है कि भारत का 70 प्रतिशत से अधिक अभ्रक का उत्पादन खस्ताहाल अवैध खदानों में किया जाता है।
जांच के बाद भारत से अभ्रक खरीदने वाले अन्य प्रमुख वैश्विक ब्रांडों ने भी बाल श्रम की जांच के लिये अपने आपूर्तिकर्ताओं पर सख्ती बढ़ा दी है। इनमें चीन की पिग्मेंट निर्माता- फ़ुज़ियान कुनकाई मटेरियल टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड, जर्मन दवा कंपनी मर्क केजीएए और सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनी- लोरियल शामिल हैं।
(रिपोर्टिंग- रीना चंद्रन, संपादन-केटी नुएन और टीमोथी लार्ज; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)
Our Standards: The Thomson Reuters Trust Principles.