- जतीन्द्र दास
भुवनेश्वर, 19 जनवरी (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) - पुलिस ने गुरुवार को कहा कि हैदराबाद में इंटरनेट पर बच्चों की अश्लील तस्वीरें फैलाने के संदेह में 42 वर्षीय एक अमेरिकी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि वे जांच कर रहे हैं कि अश्लील तस्वीरों में दिखाये गये पीड़ितों में से किसी की तस्करी तो नहीं की गई थी।
2012 से हैदराबाद में एक बहुराष्ट्रीय कानूनी फर्म के लिए काम कर रहे इस व्यक्ति को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। इंटरपोल द्वारा एक आईपी एड्रेस पर बच्चों के यौन उत्पीड़न की ऑनलाइन तस्वीरों और वीडियों दिखाये जाने के बारे में पुलिस को सतर्क करने के बाद यह गिरफ्तारी हुई है।
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में साइबर अपराध से निपटने के प्रभारी पुलिस अधीक्षक उक्कालाम राम मोहन ने कहा कि संदिग्ध ने अश्लील तस्वीरों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रकाशित और प्रसारित करने की बात स्वीकार ली है।
राम मोहन ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को फोन पर बताया, "हमें उसके लैपटॉप और आईफोन से हजारों अश्लील चित्र और वीडियो मिले, जो वह लंबे समय से इकट्ठा कर रहा था।"
तेलंगाना के अपराध जांच विभाग की महानिरीक्षक सौम्या मिश्रा ने कहा कि पुलिस जब्त की गई भारी मात्रा में एकत्रित इन तस्वीरों और वीडियो की जांच कर रही है और इंटरपोल के साथ मिलकर जांच करेगी कि इसके लिये कहीं बच्चों की तस्करी तो नहीं की गई थी।
मिश्रा ने कहा, "वीडियो में जो बच्चे हैं उन्हें पहचानने और उनका पता लगाने के लिए हम पूरा डाटा इंटरपोल को देंगे। इसके लिये काफी जांच पड़ताल करनी पड़ेगी।"
गिरफ्तार अमेरिका के न्यू जर्सी निवासी इस व्यक्ति से संपर्क नहीं हो पाया है। नई दिल्ली में अमरीकी दूतावास ने गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है और न ही इस बारे में कोई जानकारी दी।
पुलिस का कहना है कि दोषी पाये जाने पर अमेरिकी नागरिक को पांच साल के कारावास की सजा और दस लाख रूपये तक का जुर्माना भरने का दंड दिया जा सकता है।
इंटरनेट पर भारी मात्रा में दिखायी जा रही बच्चों के यौन उत्पीड़न की तस्वीरों पर नियंत्रण के लिए धर्मार्थ संस्थाओं और पुलिस के बीच राष्ट्रीय गठबंधन करने की योजना की घोषणा के कुछ दिनों के बाद ही गिरफ्तारी की यह खबर सामने आई है।
अश्लील सामग्री- चाहे यौन अंगों को दिखाने या जबरन यौन क्रियाओं में शामिल करने में कितने भारतीय बच्चों का शोषण किया जा रहा है इस बारे में सही आंकड़े उपलब्ध नहीं है, क्योंकि कई पीड़ित भय और शर्म के कारण पुलिस के पास शिकायत दर्ज नहीं करवाते हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2015 में ऑनलाइन तस्वीरों में बच्चों के यौन शोषण किये जाने की 96 शिकायतें दर्ज की गई, जो 2014 की तुलना में 140 प्रतिशत अधिक है।
(रिपोर्टिंग भुवनेश्वर से- जतीन्द्र दास, अतिरिक्त रिपोर्टिंग- नीता भल्ला, लेखन- नीता भल्ला, संपादन- केटी नुएन; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)
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