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बड़े फैशन ब्रांडों ने कर्मियों के अधिकारों के हित में स्वसयं को बांग्लादेश परिधान शिखर सम्मेलन से बाहर किया

Wednesday, 22 February 2017 17:55 GMT

    ढाका / नई दिल्ली, 22 फरवरी (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) – कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कहा कि कपड़ा कारखानों में बेहतर वेतन की मांग करने वाली यूनियनों के खिलाफ कार्रवाई के कारण उच्‍च वर्ग के पांच वैश्विक फैशन ब्रांडों ने स्‍वयं को बांग्लादेश में कपड़ा उद्योग के प्रमुख कार्यक्रम से बाहर कर लिया है।

  बांग्लादेशी कारखानों से कपड़े बनवाने वाले एच एंड एम, इंडीटेक्‍स, सी और ए, नेक्‍स्‍ट एंड टिबो जैसी खुदरा विक्रेता कंपनियां ढाका परिधान शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाली थी। 25 फ़रवरी को होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शेख हसीना भी आने वाली थीं।

     क्‍लीन क्‍लॉथ कैंपेन का कहना है कि ब्रांडों का कार्यक्रम में शामिल ना होने का "अभूतपूर्व" निर्णय सरकार और बांग्लादेश के गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एक्‍सपोर्ट एसोसिएशन के लिए "काफी  शर्मिंदगी" की बात है।

  नीदरलैंड के समूह ने एक बयान में कहा, "यह निर्णय बांग्लादेश के परिधान उद्योग में श्रम अधिकारों की दयनीय स्थिति पर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंता को दर्शाता है।"

  सी एंड ए ने पुष्टि की है कि दिसंबर में बेहतर वेतन के लिए विरोध प्रदर्शन करने वाली ट्रेड यूनियनों के सदस्‍यों और श्रम अधिकारों की वकालत करने वालों को हिरासत में लेने पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुये उन्होंने शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। कार्यकर्ताओं का कहना कि विरोध प्रदर्शन के बाद सैकड़ों श्रमिकों को बर्खास्त भी किया गया है।

   कंपनी ने एक बयान में कहा, "सी एंड ए श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन से जुड़ी किसी भी प्रकार की हिंसा और अन्याय की निंदा करती है।"

   "हम बांग्लादेश सरकार से आग्रह करते हैं कि वह कामगारों के अधिकार संरक्षण और गिरफ्तार किये गये कर्मियों के वैध प्रतिनिधियों के बारे में तत्काल कदम उठाये।"

  एच एंड एम ने भी एक बयान में शिखर सम्मेलन में शामिल ना होने की पुष्टि करते हुये कहा कि उन्‍हें लगता है इसमें शामिल होने से "भ्रम की स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है और एसोसिएशन की स्वतंत्रता के लिए हमारी प्रतिबद्धता के बारे में गलत संकेत जायेगा। इसमें कहा गया है कि "दोबारा सामान्‍य कारोबार शुरू करने से पहले वर्तमान स्थिति का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करना चाहिये।"

  सी एंड ए के साथ बांग्लादेश के लिए अरबों डॉलर का राजस्व अर्जित करने वाले अन्य ब्रांड प्रतिक्रिया देने के लिए उपलब्ध नहीं थे।

  बांग्‍लादेश सरकार को लिखे एक संयुक्त पत्र में जर्मनी के खुदरा विक्रेता संघ और ट्रेड यूनियन फेडरेशन ने भी परिधान कर्मियों की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की खबर पर चिंता व्यक्त की है।

  बांग्लादेश सरकार और परिधान उद्योग के अधिकारियों ने इस आरोप को खारिज कर दिया है कि दिसंबर में वेतन वृद्धी की मांग के लिये ढाका के अशुलिया औद्योगिक क्षेत्र में कामगारों के विरोध प्रदर्शन के बाद से परिधान कर्मियों के श्रम अधिकारों की स्थिति और दयनीय हो गई है।

   अधिकारियों ने कहा कि पांच पश्चिमी खुदरा विक्रेताओं का शिखर सम्मेलन में शामिल ना होने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है।

   चार साल पहले बांग्लादेश के राना प्लाजा परिधान कारखाना परिसर में हुई दुर्घटना के बाद से फैशन उद्योग पर कारखानों की स्थिति और मजदूरों के अधिकारों में सुधार लाने का दबाव बढ़ रहा है। उस दुर्घटना में 1,100 से अधिक लोग मारे गए थे।

   कार्यकर्ताओं ने कई खुदरा विक्रेताओं की उनकी आपूर्ति श्रृंखला में काम करने के माहौल में सुधार ना कर पाने के लिये आलोचना की है। परिधान कर्मियों की अधिक समय तक काम करवाने, कम वेतन देने, खराब सुरक्षा मानक और ट्रेड यूनियनें नहीं बनाने देने जैसी शिकायते आम हैं।     

  "दमन अभियान"

    कार्यकर्ताओं का कहना है कि अशुलिया विरोध प्रदर्शन के बाद शुरू हुये "दमन अभियान" के दौरान कम से कम 1,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है, ट्रेड यूनियन के कार्यालय बंद करवा दिये गये हैं और यूनियन के नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है।

  लेकिन श्रम और रोजगार मंत्रालय में कनिष्‍ठ मंत्री मोहम्मद मुजीबुल हक ने कामगारों के अधिकारों के हनन के दावों को नकारते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन अवैध थे और उनसे कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा था।

  हक ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए कानून लागू करने वाली एजेंसी ने यह उपाय किये हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कामगारों के अधिकारों का हनन हुआ है।"

  उन्होंने कहा कि सरकार, उद्योग और ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने बुधवार को बैठक कर इस विवाद पर चर्चा की है।

  बांग्लादेश परिधान निर्माता और निर्यातक संघ के अध्यक्ष मोहम्मद सिद्दीकुर रहमान ने दिसंबर के विरोध प्रदर्शनों को खारिज कर दिया और कहा कि "अनियंत्रित कर्मियों के एक वर्ग ने अव्‍यवस्‍था और अराजकता फैलाई थी।"

  रहमान ने कहा, "उनकी गैर कानूनी गतिविधियों के कारण और कर्मी भी नौ दिनों तक काम नहीं कर पाये थे।"

  "ऐसी स्थिति में हम क्या कर सकते हैं? हमें मजबूरन सरकार से सहायता लेनी पड़ी। उन्‍होंने कारखानों के उत्पादन में बाधा पैदा करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार किया।"

   श्रम संघ के निर्धारित वक्‍ता के तौर पर एक गठबंधन- नैतिक व्‍यापार पहल (इटीआई) ने भी कहा है कि अधिकारियों और उद्योग की "तेजी से बढ़ रही कट्टर प्रतिक्रिया" के कारण वह भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। इस गठबंधन में एच एंड एम, इंडीटेक्‍स, सी एंड ए, नेक्‍स्‍ट एंड टिबो शामिल हैं।

  इटीआई के कार्यकारी निदेशक पीटर मैकएलिस्‍टर ने  कहा, "दुर्भाग्य से कर्मियों और उनके प्रतिनिधियों को दी जा रही धमकियां एक प्रगतिशील उद्योग के सतत विकास को सुरक्षित करने के प्रयास के खिलाफ है।"       

(रिपोर्टिंग- सिराजुल कादिर और नीता भल्‍ला,  लेखन- नीता भल्‍ला, संपादन- केटी नुएन; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा,थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)

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