चेन्नई, 6 मार्च (थॉमसन रायटर फाउंडेशन) - जांचकर्ताओं ने सोमवार को कहा कि पुलिस ने दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना में कुत्तों द्वारा निगरानी किये जा रहे वेश्यालयों पर छापा मारा और लड़कियों की यौन तस्करी करने के आरोप में 35 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लड़कियों में 13 साल की किशोरियां भी शामिल थीं।
मेडक जिले में 1 और 2 मार्च को रात भर मारे गये छापे में 30 महिलाओं और लड़कियों को छुड़ाया गया। इस कार्रवाई को पुलिस ने यौन तस्करी नेटवर्क तोड़ने में सफल बताया।
तेलंगाना आपराधिक जांच विभाग की सौम्या मिश्रा ने कहा, "ग्रेट डैन और डोबरमैन जैसे बड़े कुत्ते वेश्यालयों की चौकीदारी करते थे, जिसके कारण वहां तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल था।"
"ऑपरेशन को अंजाम देने में हमें दो महीने लग गए, क्योंकि वेश्यालयों के मालिक ने युवा लड़कों को नौकरी पर रखा हुआ था, जो मोटर साइकिल से आस पास के इलाकों में निगरानी करते थे और उन्हें पुलिस छापों के बारे में सतर्क करते थे।"
देश में कार्य कर रहे गैर-सरकारी संगठनों के मुताबिक भारत के अनुमानित दो करोड़ यौन कर्मियों में से एक करोड़ 60 लाख महिलाएं और लड़कियां यौन तस्करी की पीडि़ताएं हैं।
मिश्रा ने थॉमसन रायटर्स फाउंडेशन को बताया कि तेलंगाना में 2015 से 2016 के बीच 500 से ज्यादा यौन तस्करी के मामले दर्ज किये गये और लगभग 600 तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले सप्ताह मारे गये छापों से बड़ी संख्या में गरीब आर्थिक पृष्ठभूमि की युवा लड़कियों के इस धंधे में फंसे होने के बारे में पता चला था।
जपथी शिवनूर गांव के 35 घरों में अवैध वेश्यालय चलाये जा रहे थे। इन्हीं घरों में मालिक भी रहते थे और तस्करी की गई महिलाओं को वहीं तंग कमरों में रखा गया था और प्रति दिन उन्हें 10 ग्राहकों की मांग पूरी करने के लिये मजबूर किया जाता था।
पुलिस ने बताया कि तस्कर ग्राहकों से 10 मिनट के लगभग 500 रुपये लेते थे, लेकिन पीड़िताओं को एक भी पैसा नहीं दिया जाता था।
मिश्रा ने कहा, "छापे के दौरान हमें चावल के बोरों में छिपाये हुए बहुत सारे कंडोम मिले और हमने चार लाख रुपये से अधिक की नकद राशि भी जब्त की।"
उन्होंने कहा, "अगर हमने वेश्यालयों में छापा नहीं मारा होता तो उन लड़कियों में से एक की मृत्यु हो चुकी होती, क्योंकि वह बहुत बीमार थी।"
तस्करी रोधी कानून के अंतर्गत आरोपी एक महिला सहित कई संदिग्ध इसके सरगना हो सकते हैं।
(रिपोर्टिंग- अनुराधा नागराज, संपादन- रोस रसल; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)
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