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भारतीय पुलिस ने बाल तस्करी मामले में नेताओं की संलिप्ताn की जांच सख्तर की

by सुब्रत नागचौधरी | Thomson Reuters Foundation
Tuesday, 7 March 2017 15:44 GMT

Children play cricket at a pedestrian underpass in Mumbai, India June 2, 2016. Reuters/Shailesh Andrade

Image Caption and Rights Information

    कोलकाता, 7 मार्च (थॉमसन रायटर फाउंडेशन) - मंगलवार को तस्करी और गोद देने के लिये बच्चों की बिक्री में संलिप्‍त नेताओं की जांच आगे बढ़ाते हुये पुलिस पूर्वी भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्तारूढ़ पार्टी के दो और वरिष्ठ सदस्यों की भी जांच कर रही है।

    पश्चिम बंगाल की पुलिस ने कहा कि 28 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक सदस्य की गिरफ्तारी के बाद वे भाजपा के दो वरिष्ठ सांसदों से भी पूछताछ करेगी।

      भाजपा की महिला शाखा की नेता जुही चौधरी को जलपाईगुड़ी जिले में राज्य द्वारा वित्त पोषित अनाथालयों और आश्रयों से कम से कम 17 बच्चों के तस्करी से संबंधित आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। उन बच्‍चों को भारत और विदेशों में निसंतान दंपत्तियों को बेच दिया गया था।

       जांच अधिकारी ने कहा कि चौधरी ने बाल गृह और आश्रयों को चलाने के लिए आवश्‍यक लाइसेंस और अनुदान पाने के लिये वरिष्ठ मंत्रियों, नेताओं और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की थी।

      चौधरी ने इन आरोपों से इनकार किया है।  

     पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार छह अन्य लोगों में एक अनाथालय की मालकिन, दो सरकारी बाल संरक्षण अधिकारी, राज्य द्वारा नियुक्त बाल कल्याण समिति का एक सदस्‍य और एक डॉक्टर शामिल हैं।

     पश्चिम बंगाल के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजेश कुमार ने कहा, "बाल तस्करी के मामले में गिरफ्तार लोगों ने प्रभावशाली व्‍यक्तियों के नाम लिये हैं और हमने इनसे जुड़े साक्ष्य भी हासिल कर लिये हैं।"

    चौधरी का कहना है कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है। भाजपा ने चौधरी को पार्टी से निलंबित कर दिया है।  

    कुमार ने कहा कि सीआईडी ​​एक स्वतंत्र एजेंसी है, जो राजनीति के नहीं बल्कि साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई करती है।

     सरकार के नवीनतम अपराध आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2015 में दर्ज 40 प्रतिशत से अधिक मानव तस्करी के मामलों में बच्‍चों की खरीद-फरोख्‍त और आधुनिक समय के गुलामों के रूप में उनका शोषण किया जाना शामिल है।

     हाल ही में धर्मार्थ संस्‍थाओं द्वारा चलाये जा रहे बाल गृहों और निजी अस्पतालों के जरिये गोद देने के लिए शिशुओं और बच्चों के तस्करी की खबरें उजागर हुई थी।

    तस्करी धांधली पर धावा बोलने के बाद मंगलवार को मुंबई में पुलिस ने छः लोगों पर देश के निसंतान दंपत्तियों को बच्चे बेचने का आरोप लगाया है।

    पश्चिम बंगाल में पुलिस ने चौधरी पर जलपाईगुड़ी जिले में अनाथालयों और आश्रयों को चलाने वालों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया, जहां उन्होंने गैरकानूनी रूप से गोद देने वाले बच्चों की पहचान की।

      पुलिस ने कहा कि बच्‍चों को एक से दो लाख रुपये में बेचने के लिये अनाथालय और आश्रय गृह फर्जी दस्तावेज, नकली स्टैम्प्स और जन्म प्रमाण पत्र का इस्‍तेमाल करते थे।

    पुलिस ने कहा कि छह महीने में उन्होंने एक से 14 साल तक के बच्चों की तस्करी के 17 मामलों का पता लगाया है और आगे की जांच चल रही है।

(रिपोर्टिंग- सुब्रत नागचौधरी, लेखन- नीता भल्‍ला, संपादन- रोस रसल; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)

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