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साक्षात्कार- सैकड़ों बच्चोंह को बचाने वाली पूर्व बाल नौकरानी का सम्मान

by Nita Bhalla | @nitabhalla | Thomson Reuters Foundation
Wednesday, 8 March 2017 17:55 GMT

Anoyara Khatun at the Multi Activity Centre in Sandeshkhali, India. (Courtesy: Save the Children)

Image Caption and Rights Information

-    नीता भल्ला

     नई दिल्ली, 8 मार्च (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) - तस्करी की गई और बाल नौकरानी के रूप में गुलामी कर चुकी 21 वर्षीय भारतीय महिला को बुधवार को राष्ट्रपति ने "नारी शक्ति" पुरस्कार प्रदान किया। यह पुरस्‍कार उसे वापस अपने घर लौटने और कई अन्य बच्चों को जबरन मजदूरी और विवाह से रोकने के लिये दिया गया है।

  अनोयारा खातुन महिलाओं के लिये भारत सरकार का प्रतिष्ठित नारी शक्ति पुरस्कार पाने वाली इस साल की 33 महिलाओं में सबसे कम उम्र की है। यह पुरस्‍कार अपनी परिस्थितियों की चुनौतियों का मुकाबला करने और सशक्तिकरण के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाली महिलाओं को दिया जाता है।

   खातुन ने थॉमसन रॉटरर्स फाउंडेशन को बताया, "सरकार के इस समर्थन से बच्चों का शोषण रोकने का कार्य जारी रखने के मेरे निश्चय को और संबल मिला है।"

  देश के पूर्वी राज्य पश्चिम बंगाल की खातुन को 12 साल की उम्र में तस्‍करी कर नई दिल्ली ले जाया गया था, जहां उसे एक मध्यमवर्गीय घर में नौकरानी के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया गया था।

    वहां से छह महीने के बाद ही वह भाग कर उत्तर 24 परगना जिले के अपने गांव लौट गई थी। उसके बाद से ही वह सेव द चिल्‍ड्रन संस्‍था के साथ जुड़कर बाल अधिकारों की हिमायती के तौर पर कार्य कर रही है।

   खातुन ने 80 गांवों में बच्चों के समूह का नेटवर्क तैयार किया है, जहां युवा अपने अधिकारों के बारे में जानकारी लेते हैं और अपने आस पास के इलाकों में तस्करी, बाल विवाह और बाल मजदूरी के मामलों को सामूहिक रूप से रोकने का प्रयास करते हैं।

   नौ वर्षों में बच्चों के समूह ने 50 बाल विवाह होने से रोके, 80 बाल श्रमिकों को बचाया, 200 बच्चों की तस्‍करी होने से रोकी और 400 बच्चों को प्राथमिक स्कूलों में दाखिला दिलाया है।

  खातुन ने कहा, "हम अपने गांवों में होने वाली तस्करी या बाल विवाह पर नजर रखते हैं। हम ऐसे अजनबियों की भी टोह लेते हैं, जो तस्‍कर हो सकते हैं और काम करने के लिए अपने बच्चों को बाहर भेजने के वास्‍ते परिवारों को बरगला सकते हैं। हम सजगता से यह भी ध्‍यान रखते हैं कि कहीं बाल विवाह की तैयारियां तो नहीं हो रही हैं।"

  "ज्‍यादातर माता-पिता को पता नहीं होता है कि तस्‍कर उनके बच्‍चों को कहां ले जाते हैं और वे उनसे किस तरह का काम करवाते हैं। कई लोग तो यह भी नहीं जानते हैं कि बाल विवाह के परिणाम अच्छे नहीं होते हैं।"

   अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुसार भारत में लगभग 60 लाख बाल श्रमिक हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह संख्‍या वास्‍तविकता से बहुत कम है।

   इनमें से आधे से अधिक कृषि क्षेत्र और एक चौथाई से ज्‍यादा बच्‍चे निर्माण क्षेत्र में कपड़ों की कढ़ाई, कालीनों की बुनाई या माचिस की तीलियां बनाने का काम करते हैं। बच्चे रेस्‍टोरेंट, दुकानों और होटलों में और घरेलू नौकरों के तौर पर भी काम करते हैं।

   गिरोह ज्यादातर गरीब ग्रामीण इलाकों के परिवार को अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनके बच्‍चों को शहर ले जाते हैं। लेकिन वहां उन्हें बंधुआ मजदूरी या देह व्‍यापार कराने के लिये बेच दिया जाता है अथवा बेईमान मालिकों के पास काम पर रख दिया जाता है।

  खातुन ने कहा कि उसके जिले की अत्‍यधिक गरीबी को देखते हुए बाल विवाह या परिवारों को उनके बच्‍चों को तस्करों के साथ भेजने से रोकना इतना आसान नहीं है।

   "हम अभिभवकों को उन बच्चों के उदाहरण देकर समझाने की कोशिश करते हैं जिन्‍हें काम करने के लिए भेजा गया था और उनके साथ वहां क्या हुआ। हम उन्हें बताते हैं कि 'आप क्या चाहते हैं? धन या आपका बच्चा?"

   बच्चों के समूह बाल कल्याण, संरक्षण अधिकारियों और पुलिस के साथ मिलकर काम करते हैं।

    खातुन ने कहा, "जब हम अभिभावकों को समझा नहीं पाते हैं तो उस स्थिति में हम स्थानीय प्राधिकारियों की मदद लेते हैं। इसके बाद वे वहां आकर मामले की जांच और कार्रवाई करते हैं।"

  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान करते हैं। पुरस्कार स्‍वरूप एक लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है।

    इस साल की अन्य पुरस्कार विजेताओं में ऐसी महिलाएं हैं जिन्‍होंने अंतरिक्ष अनुसंधान, मोटर साइक्लिंग और पर्वतारोहण जैसे क्षेत्रों में रूढ़िवादिता को चुनौती देकर मिसाल कायम की है। इनके साथ ही कलाकारों, चित्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को भी पुरस्‍कृत किया गया है।

(रिपोर्टिंग- नीता भल्‍ला, संपादन- एलन वुल्‍फ्रोस्‍ट; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)

 

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