काठमांडू, 10 मार्च (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) – नेपाल सरकार ने कहा है कि वह उस खबर की जांच करेगी जिसमें कहा गया है कि गरीब महिलाओं की तस्करी कर उन्हें अपनी त्वचा बेचने के लिये बरगलाया जा रहा है। इस त्वचा का उपयोग वैश्विक कॉस्मेटिक सर्जरी बाजार में लिंग और स्तन विकसित करने के लिए किया जाता है।
भारतीय समाचार वेबसाइट यूथ की आवाज़ की पड़ताल में कहा गया है कि नेपाली महिलाएं अपने कुल्हे से 20 वर्ग इंच (130 वर्ग सेंटीमीटर) त्वचा ऊतक लगभग 10 हजार रूपये में बेच रही थीं, जिनका इस्तेमाल प्लास्टिक सर्जरी के लिये किया जा रहा था।
महिला, बाल और सामाजिक कल्याण मंत्री कुमार खड़का ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया कि 6 मार्च को प्रकाशित खबर पढ़ने के बाद से सरकार अचंभित है।
खड़का ने गुरुवार शाम को कहा, "इस खबर के बारे में जानकर हमें काफी आश्चर्य हुआ है। हम इसकी जांच करेंगे और यदि यह खबर सही साबित होती है तो सरकार इस जघन्य अपराध को रोकने के हरसंभव प्रयास करेगी और इसके लिये जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जायेगा।"
गरीब हिमालयी राष्ट्र से लोगों की तस्करी कर श्रम और यौन शोषण और यहां तक कि गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए पड़ोसी देश भारत लाने के काफी समाचार प्रकाशित हुये हैं, लेकिन मानव त्वचा के ऊतकों की तस्करी का एक भी मामला अभी तक सामने नहीं आया है।
भारतीय पत्रकार सोमा बसु की रिपोर्ट में कहा गया कि नेपाली महिलाओं की तस्करी कर उन्हें मुंबई जैसे भारतीय शहरों के वेश्यालयों में लाया गया था और उसके बाद उनकी त्वचा को बेचने के लिये उन्हें बरगलाया गया था। कुछ पीड़िताओं ने कहा कि उन्हें नशा कराने के बाद उनकी त्वचा निकाली गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया कि त्वचा के ऊतक को भारत में पैथोलॉजी लैब में बेचा जाता है। यहां इसे संसाधित करने के बाद वैश्विक प्लास्टिक सर्जरी बाजार के लिए त्वचा और ऊतक व्युत्पन्न उत्पाद तैयार करने वाली अमेरिकी कंपनियों को निर्यात किया जाता है।
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने सरकार से तत्काल इस खबर की जांच करने और तस्करी की आशंका वाले देश के सबसे वंचित, गरीब जिलों में सार्वजनिक जागरूकता अभियान शुरू करने का आग्रह किया है।
तस्करी पीडि़तों के पुनर्वास में मदद करने वाली धर्मार्थ संस्था- शक्ति समूह की सुनीता दानुवर ने कहा, "सरकार को इस खबर को गंभीरता से लेकर हमारी महिलाओं की रक्षा करनी चाहिए।"
"केवल खोखली बातें करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और त्वचा तथा गुर्दे जैसे अंगों के अवैध व्यापार के लिये निर्दोष ग्रामीणों की तस्करी होती रहेगी।"
(रिपोर्टिंग-गोपाल शर्मा, लेखन- नीता भल्ला, संपादन- रोस रसल; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)
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