"इंटरनेट और संचार प्रणालियों के व्यासपक विस्तानर के बाद हर परिवार मानव तस्करी की दहलीज पर"
- रोली श्रीवास्तव
मुंबई, 27 जुलाई (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) - गुरुवार को अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर अवसरों के शहर के रूप में विख्यात भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई वैश्विक यौन तस्करी के प्रमुख गंतव्य स्थान के रूप में उभरा है और दूरस्थ देशों से लड़कियों की तस्करी कर यहां लाया जाता है।
मुंबई में महिलाओं और लड़कियों की तस्करी पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अधिकारियों ने तस्करों पर नियंत्रण के लिये पुलिस व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ करने और इस संगठित अपराध के खिलाफ कड़े भारतीय कानून लागू करने की योजना की घोषणा की।
तस्करी रोधी धर्मार्थ संगठन इंटरनेशनल जस्टिस मिशन के सहयोग से मुंबई सम्मेलन आयोजित करने वाले महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा, "पहले देश के गरीब राज्यों और बांग्लादेश, नेपाल तथा म्यांमार से लड़कियों की तस्करी कर मुंबई लाया जाता था।"
सम्मेलन के दौरान अलग से रहाटकर ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "अब फिलीपींस, उज़बेकिस्तान, कजाखस्तान से भी लड़कियों को मुंबई लाया जा रहा है।" सम्मेलन में घाना, केन्या और बोलिविया सहित तस्करी की समस्या से जूझ रहे कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुये।
भारत के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले राज्य महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई कई सालों से उन यौन तस्करी पीड़िताओं के लिये प्रमुख स्थान रहा है, जिन्हें नौकरी दिलाने का झांसा दिया जाता है लेकिन उन्हें यौन गुलामी या घरेलू नौकरानी के तौर पर काम करने के लिये बेच दिया जाता है।
यौन तस्करी के विरूद्ध अभियान चलाने वालों का कहना है कि भारत सरकार ने पहली बार तस्करी से निपटने की रणनीतियों के बारे में जानने के लिए अन्य राज्यों और देशों के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चर्चा की है।
महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक सतीश माथुर ने कहा कि राज्य के सभी 36 जिलों में अब एक वरिष्ठ अधिकारी के निरीक्षण में एक तस्करी रोधी इकाई होगी है। वर्तमान में 12 इकाइयां हैं।
तस्करों पर मुकदमा चलाने के लिए विशेष रूप से महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम जैसे अधिक कड़े कानूनों का इस्तेमाल करने पर भी विचार किया जा रहा है क्योंकि इस कानून के तहत कठोर दंड के प्रावधान से इस अपराध को रोका जा सकता है।
माथुर ने कहा कि अगर विक्रेता, खरीदार और इस अपराध से मुनाफा उठाने वाले व्यक्ति या गिरोह के बीच संबंध उजागर होने पर तस्करी एक संगठित अपराध माना जा सकता है।
महाराष्ट्र सरकार तस्करी से निपटने के लिए स्थापित किए गए कार्यबलों को दोबारा शुरू कर रही है और बंगलादेश जैसे पड़ोसी देशों के साथ तस्करी की गई लड़कियों को उनके घर वापस भेजने के निष्क्रीय करारों पर काम कर रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, "हम सोचते थे कि गरीब और कमजोर ही एकमात्र पीड़ित हैं, लेकिन अब इंटरनेट और संचार प्रणालियों के व्यापक विस्तार के बाद से मानव तस्करी हर परिवार की दहलीज पर है।"
(रिपोर्टिंग- रोली श्रीवास्तव, संपादन- रोस रसल; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)
Our Standards: The Thomson Reuters Trust Principles.