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भारतीय होटल यौन तस्क री के संकेतों को पहचानने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे

Wednesday, 2 August 2017 11:57 GMT

Receptionists attend to guests at their counter inside the Crown Plaza hotel, run by the InterContinental Hotels Group (IHG), in New Delhi in this 2014 archive photo. REUTERS/Anindito Mukherjee

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"होटलों में पनपता देह व्याकपार"

-    रोली श्रीवास्तव

मुंबई, 2 अगस्त (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) - मुंबई और अन्य भारतीय शहरों के होटल अपने कर्मचारियों को यौन तस्‍करी के संकेतों पर ध्यान देने के लिए प्रशिक्षित करेंगे जैसे की बार-बार बिस्‍तर की चादर बदलने के अनुरोध या दिन भर कमरे के दरवाजे पर "परेशान न करें" का संकेत।

इस पहल को शुरू करने वाला समूह रेस्क्यू मी नाम से एक मोबाइल फोन ऐप भी तैयार कर रहा है, जिसका उपयोग संदेहास्पद व्यवहार देखने पर होटल के कर्मचारी स्थानीय पुलिस और तस्करी रोधी वरिष्ठ अधिकारियों को सचेत करने के लिए कर सकते हैं।

महाराष्ट्र स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड केटरिंग टेक्नोलॉजी के पूर्व छात्रों के समूह के अध्यक्ष सनी अवसर्ममेल ने कहा, "होटलों में देह व्यापार पनप रहा है।"

"हमारे पास पूरे देश के होटलों में कार्य करने वाले आतिथ्य कर्मचारी हैं। हम इस कार्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं।"

पूर्व छात्रों के समूह की अगुवाई वाली और महाराष्ट्र सरकार समर्थित यह पहल अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर आधुनिक समय के गुलामों की समस्‍या से निपटने में होटलों की महत्वपूर्ण भूमिका के उभरने से अनुकूल है।

तस्करी की गई अधिकतर लड़कियों को महाराष्‍ट्र में लाया जाता है, जिसकी राजधानी मुंबई है। इन लड़कियों को गरीब राज्यों और पड़ोसी देशों से नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर लाया जाता हैं, लेकिन उन्‍हें देह व्यापार या घरेलू नौकरानी के तौर पर काम करने के लिये बेच दिया जाता है।

संपत्ति की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते देह व्‍यापार मुंबई के कुछ पारंपरिक रेड लाइट जिलों के स्‍थान पर निजी लॉज और होटलों में किया जा रहा है, जिसके कारण पुलिस के लिये ऐसी गतिविधियों पर निगरानी रखना कठिन हो जाता है।

अवसर्ममेल ने कहा कि होटलों को उन 50 संकेतों के बारे में बताया जाएगा, जिन पर कर्मचारियों को ध्‍यान देना होगा।

इसमें कार पार्किंग का क्षेत्र नजर आये ऐसे कमरों का अनुरोध शामिल है। ऐसे कमरे तस्करों के लिये अनुकूल होते हैं, क्योंकि यहां से वे गड़बड़ी करने वाले ग्राहकों को पहचान लेते हैं और उनकी कारों से अनुमान लगाते हैं कि उनसे कितना पैसा लेना चाहिये।

अवसर्ममेल ने कहा कि होटल के कर्मचारी आमतौर पर कमरा लेने की प्रक्रिया के दौरान लड़की का संकोची आचरण या प्रश्नों के उत्तर और उसकी पहचान के प्रमाण देने में उसके साथ आये व्‍यक्ति पर निर्भरता जैसे अजीब व्यवहार देख पाते हैं।  

उन्होंने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया कि लेकिन ज्यादातर मामलों में कर्मचारी इन संकेतों की अनदेखी करते हैं या उन्‍हें पता ही नहीं होता है कि उस समय क्या करना चाहिये।

कुछ ही महीनों में शुरू होने वाले ऐप- रेस्क्यू मी में लिखने की सुविधा होगी जिसमें होटल के कर्मचारी संदिग्‍ध व्‍यक्ति के कमरे की संख्या सहित पूरा विवरण पुलिस को भेजकर चेतावनी दे सकते हैं।

अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार सालाना लगभग 150 अरब डॉलर का मानव तस्करी का कारोबार विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता आपराधिक उद्यम है। संगठन का कहना है कि वैश्विक स्‍तर पर इसमें शामिल लगभग दो करोड़ 10 लाख लोग जबरन मजदूरी और तस्करी पीडि़त हैं।

पिछले वर्ष हिल्टन और शिव होटल सहित प्रमुख होटल समूहों ने जबरन मजदूरी के लिए अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं की जांच करने और तस्करी के संकेतों को पहचानने तथा इसकी सूचना देने के लिये कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का संकल्‍प किया था।

इस साल की शुरूआत में मैक्सिको सिटी ने भी तस्करी के बारे में होटल कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की पहल की थी।

महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहतकर ने कहा कि इस पहल का असर राज्य के बाहर भी पड़ेगा, क्योंकि पूर्व छात्रों के समूह का देशभर के लगभग 10 लाख छोटे होटलों से संपर्क है।

 

यह समूह तस्करी पर प्रशिक्षण मॉड्यूल भी तैयार कर रहा है, जिसे पूरे देश के होटल कर्मचारियों और आतिथ्य छात्रों को पढ़ाया जा सकता है।

(रिपोर्टिंग- रोली श्रीवास्‍तव, संपादन- एम्‍मा बाथा; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)

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