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बोनस की मांग कर रहे श्रमिकों पर भारतीय चाय बागान मालिकों ने गोलियां बरसाईं

by Anuradha Nagaraj | @anuranagaraj | Thomson Reuters Foundation
Monday, 18 December 2017 12:25 GMT

ARCHIVE PHOTO: A tea garden worker plucks tea leaves inside a tea estate in Assam, India, April 21, 2015. REUTERS/Ahmad Masood

Image Caption and Rights Information

-    अनुराधा नागराज

चेन्नई, 18  दिसंबर (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) – कार्यकर्ताओं का कहना है कि भारतीय पुलिस ने चाय बागान के दो मालिकों को बोनस की मांग कर रहे श्रमिकों के एक समूह पर गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस घटना से विश्‍व में सबसे अधिक चाय उत्‍पादक क्षेत्र में बागानों में चायपत्ती चुनने वालों के शोषण का खुलासा हुआ है।

पुलिस ने कहा कि दुर्गा पूजा के वार्षिक बोनस के भुगतान में देरी का विरोध करने वाले मजदूरों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिये असम के बोगीधोला चाय एस्टेट के मालिकों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम 15 मजदूर घायल हो गए थे।

पुलिस अधिकारी शंकर दयाल ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "मालिकों ने श्रम विभाग से लिखित वादा किया था कि वे श्रमिकों को उनका बोनस 12 दिसंबर तक दे देंगे।"

"श्रमिकों को 13 दिसंबर को मालिक के बंगले पर आगे की बातचीत के लिये बुलाया गया था और वहीं यह गोलीबारी हुई थी।"

देश के पूर्वोत्‍तर में असम का चाय उद्योग गुलामों से मजदूरी करवाने के आरोपों और शोषणकारी परिस्थितियों के कारण कई वर्षों से संकट में है और श्रमिक विवादों की वजह से  कुछ बागान मजबूरन बंद किये गये।

अभियानकारों का कहना है कि असम की कथित चाय बागान की उन जनजातियों में अशांति बढ़ रही है, जिनके पूर्वजों को पड़ोसी राज्‍य बिहार और ओडिशा से एक सदी से भी पहले ब्रिटिश बागान मालिकों द्वारा काम पर रखा गया था।

धर्मार्थ संस्‍थाओं का कहना है कि चायपत्ती चुनने वालों की आय अपने परिवार का पेट पालने और परिजनों का इलाज करवाने के लिये पर्याप्‍त नहीं है।

चाय बागान श्रमिकों के अधिकारों के लिये संघर्ष करने वाली असम की धर्मार्थ संस्‍था-पाझरा के स्टीफन एक्‍का ने कहा, "कई अन्‍य बागानों के समान बोगीधोला इस्‍टेट में भी मजदूरों को अत्‍यंत कम मजदूरी दी जाती थी और हाल ही में यह बागान 137 रुपये प्रति दिन का न्यूनतम वेतन देने पर सहमत हुआ था।"

"यहां पर श्रमिकों के साथ मानवीय व्‍यवहार नहीं किया जाता है और मालिक बड़े अंहकार भरे लहजे में उनके साथ बातचीत करते हैं।"

बोगीधोला के मालिकों द्वारा वादा किये गये 14 प्रतिशत त्योहार बोनस देने में आनाकानी करने पर बकाया राशि की मांग को लेकर उत्तेजित श्रमिकों ने पिछले बुधवार को उनके आवास का घेराव किया था।

दयाल ने कहा कि जवाबी कार्रवाई में मालिकों ने उन पर पिस्तौल और बंदूक से गोलियां चला दीं। मालिकों के खिलाफ हत्या की कोशिश और जानबूझ कर चोट पंहुचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले में श्रमिकों की सहायता कर रहे ऑल आदिवासी स्‍टूडेंट्स एसोसिएशन ऑफ असम के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "सितंबर में दुर्गा पूजा के दौरान बोनस नहीं मिलने के कारण इन श्रमिकों के घरों में एक दिया तक नहीं जला था, ना नये कपड़े खरीदे गये और ना ही कोई उत्सव मना।"

"मजदूर कानूनी तरीकों से अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे। पिछले कुछ महीनों से उनका धैर्य हताशा में बदल गया था और पिछले सप्‍ताह अपनी मजदूरी की मांग करने पर उन पर गोलियां बरसाईं गई थीं।"

(रिपोर्टिंग- अनुराधा नागराज, संपादन- रोस रसल; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)

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