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भारतीय परिधान कर्मी की मौत से कारखाने के खतरे उजागर हुये: कार्यकर्ता

by Anuradha Nagaraj | @anuranagaraj | Thomson Reuters Foundation
Thursday, 4 January 2018 11:56 GMT

FILE PHOTO: A worker arranges a saree, a traditional cloth used for women's clothing, as it is hung out to dry after dyeing it at a workshop in Shardarpara village, south of Kolkata February 10, 2012. REUTERS/Rupak De Chowdhuri

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  • अनुराधा नागराज

    चेन्नई, 4 जनवरी (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) – कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कहा कि एक परिधान कर्मी का सिर और हाथ मशीन में फंसने से हुई उसकी मौत से वैश्विक ब्रांडों के लिए पोशाकें तैयार करने वाले दक्षिण भारत के कारखानों में सुरक्षा की कमी का पता चलता है।

    पुलिस के अनुसार यह दुर्घटना बुधवार तड़के उस समय घटी जब 20 वर्षीय भुवनेश्वरी अदीमुलम तमिलनाडु के "कपड़ा केंद्र" क्षेत्र के तिरुपुर जिले में कपड़ा बुनने के एक कारखाने में रात की पारी में काम कर रही थी।

     अधिकारी आर. रमेश ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को टेलीफोन पर बताया कि अदीमुलम ने पिछले महीने ही अस्थायी कर्मी के तौर पर काम करना शुरू किया था।

     उन्होंने कारखाने या जिन कंपनियों के लिये यहां परिधान तैयार किये जाते थे उनका नाम  नहीं बताया। लेकिन उन्‍होंने कहा कि मालिक के खिलाफ लापरवाही के कारण हुई मौत का मामला दर्ज किया गया है।

      श्रमिक अधिकारों के लिये कार्य करने वालों का कहना है कि देश के कपड़ा उत्‍पादकों के सबसे बड़े केंद्र तमिलनाडु के 1,500 से अधिक कारखानों में लगभग चार लाख कर्मचारियों को अक्‍सर चोट लगती रहती है।

      सीविल सोसायटी समूह- सोशल अवेरनेस एंड वॉलंटरी एजुकेशन के अलॉयसियस अरोकिअम ने कहा, "इन मशीनों में बाल, कपड़े और उंगलियां फंसना आम बात है।"

     उन्‍होंने कहा कि  नये कर्मी पहली बार अपने साथियों को मशीन पर काम करते हुये "देख कर सीखते" हैं। इसके अलावा उन्‍हें कोई प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है।

    300 निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली साउथ इंडिया इंर्पोटेड मशीन निटर्स एसोसिएशन प्रमुख एन. विवेकानंदन ने इस तरह की आलोचना को खारिज कर दिया।

     उन्‍होंने कहा कि ऐसी स्वचालित मशीनों पर काम करने से पहले नए कर्मियों को आठ सप्‍ताह का प्रशिक्षण दिया जाता है, जो "धागा टूटने पर भी बंद हो जाती हैं।" उन्होंने कहा कि यह अभी स्‍पष्‍ट नहीं है कि अदीमुलम की मृत्‍यु किन परिस्थितियों में हुई।

    विवेकानंदन ने कहा, "यह अत्‍यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।"

    वर्ष 2016 में अरोकिअम के संगठन ने तमिलनाडु के कारखानों में 13 दुर्घटनाओं और आठ मौतों के प्रमाण प्रस्‍तुत किये थे।

(रिपोर्टिंग- अनुराधा नागराज, संपादन- जेरेड फेरी; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)

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