- रोली श्रीवास्तव
मुंबई, 9 अप्रैल (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) - देश में नकली गहने बनाने वाले प्रमुख केंद्रों में से एक पश्चिम भारतीय राज्य गुजरात में पहली बार की गई कार्रवाई में 70 से अधिक बच्चों को बचाया गया और लगभग 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई अभी भी जारी है।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि करीबन 10 दिन पहले दो बच्चों के नियोक्ता के चंगुल से बच निकलने और उनके खिलाफ उत्पीड़न तथा कठिन परिस्थितियों में काम करवाने की शिकायत दर्ज करने के बाद राजकोट शहर में कार्रवाई शुरू की गई थी।
राजकोट पुलिस के उप अधीक्षक बलराम मीणा ने कहा कि बचाये गये ज्यादातर बच्चे पश्चिम बंगाल के गरीब परिवारों के थे। उन्हें प्रति माह 6,000 रुपये वेतन देने का वादा कर ठेकेदार इस शहर में लाये थे।
मीणा ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "बचाये गये बच्चे दिन-रात काम करते, उनमें से लगभग 10 से 12 लोग एक ही कमरे में रहते थे और कुछ बच्चे तो कार्यस्थल पर ही रहते थे।" उन्होंने कहा कि बच्चों को तय वेतन से आधा ही दिया जाता था।
"बचाये गये बच्चों ने इस क्षेत्र में कार्यरत और बच्चों के बारे में हमें जानकारी दी है। यह कार्रवाई इस सप्ताह जारी रहेगी।"
उन्होंने कहा कि पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस क्षेत्र में कितने बच्चे कार्यरत हैं, जबकि बचाये गये बच्चों के माता-पिता से संपर्क कर बच्चों को उनके घर भेजा जा रहा है।
पुलिस ने अब तक मुख्य रूप से 25 नियोक्ताओं और तस्करों को गिरफ्तार किया है।
राजकोट देश के सबसे बड़े नकली गहने बनाने के केंद्रों में से एक है। यहां लगभग 700 कंपनियां हैं, जिनका वार्षिक कारोबार लगभग आठ अरब डॉलर का है।
राजकोट इमीटेशन ज्वेलरी एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र मेहता के अनुसार राजकोट में बने कंगन, झुमके और अन्य सस्ते आभूषण ब्रिटेन, जर्मनी, अमेरिका, पाकिस्तान और मध्य पूर्व में निर्यात किए जाते हैं।
मेहता ने कहा कि ज्यादातर काम घरों से होता है और अधिकतर ये काम महिलाएं करती हैं। उन्हें तैयार किये गये प्रति नग के हिसाब से भुगतान किया जाता है और एक माह में वे 5,000 से 7,000 रुपये कमा लेती हैं।
मेहता ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि इस क्षेत्र में बच्चे काम कर रहे हैं, क्योंकि इस काम में शामिल प्रत्येक घर जाकर जांच करना असंभव था। उन्होंने कहा कि लेकिन अब एसोसिएशन निर्माण इकाइयों का दौरा करेगा।
मेहता ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "पहली बार इस तरह की कार्रवाई हुई है। हमने बैठक बुलायी है और घोषणा की है कि छोटे बच्चों को काम पर ना रखा जाए।"
(रिपोर्टिंग-रोली श्रीवास्तव, संपादन- बेलिंडा गोल्डस्मिथ; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)
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