- रोली श्रीवास्तव
मुंबई, 9 अप्रैल (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) – टॉलीवुड के नाम से प्रसिद्ध दक्षिण भारत के लोकप्रिय तेलुगू फिल्म उद्योग ने तस्करी रोधी छह लघु फिल्मों का निर्माण किया है। बताया जाता है कि पहली बार ये फिल्में ऐसे उद्योग से हैं, जहां तस्कर आमतौर पर आकांक्षी अभिनेत्रियों को जाल में फंसाकर उन्हें वेश्यालय भेजते हैं।
विश्वभर में लोकप्रिय बॉलीवुड की तुलना में टॉलीवुड में अधिक फिल्में बनती हैं और प्रमुख रूप से तेलगू भाषी तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश पर इनका काफी प्रभाव पड़ता है।
तस्करी रोधी धर्मार्थ संस्था- प्रज्वला और हैदराबाद के अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास की पहल ‘मांग बंद करो’ के तहत युवा पुरुषों को पैसे देकर यौन संबंध बनाने से रोकने के लिए नाटकीय छह फिल्मों का निर्माण टॉलीवुड के कुछ बड़े प्रोडक्शन हाऊस ने किया है।
प्रज्वला की संस्थापक सुनीता कृष्णन ने कहा, "तस्करी की गई लगभग 30 प्रतिशत लड़कियों को मॉडल बनने या फिल्मों में अभिनय करने का प्रलोभन दिया जाता है।"
उन्होंने एक तस्करी रोधी सम्मेलन में थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "टॉलीवुड की सहायता लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि उनकी फिल्मों से लोग काफी प्रभावित होते हैं।" इस सम्मेलन में उन छह फिल्मों को प्रदर्शित किया गया था।
प्रज्वला के अनुसार भारत में प्रति वर्ष लगभग दो लाख महिलाओं और बच्चों को डरा-धमका कर और जबरन वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है।
भारत में अभियान चलाने वालों और सहायता समूहों के मुताबिक देश में दो करोड़ व्यावसायिक यौन कर्मी हैं, जिनमें से एक करोड़ 60 लाख महिलाएं और लड़कियां यौन तस्करी की शिकार हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि मुख्यरूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से लड़कियों की तस्करी कर देश के विभिन्न हिस्सों में भेजी जाती हैं। लड़कियों को अधिकतर महाराष्ट्र, दिल्ली और गोवा भेजा जाता है।
छह में से तीन फिल्म बनाने वाले मीडिया समूह-रामोजी ग्रुप के ईनाडू टेलीविजन नेटवर्क के मुख्य निर्माता पवन कुमार मान्वी ने कहा कि तस्करी में फिल्म उद्योग की प्रमुख भूमिका है।
मान्वी ने हैदराबाद से फोन पर थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "इस बारे में उद्योग को भी नही पता था, लेकिन इसकी भूमिका के लिये इसे स्वयं को जिम्मेवार मानना चाहिये।"
"अब उद्योग इस दिशा में आगे आया है और कुछ अन्य प्रोडक्शन हाउस ने भी सार्वजनिक सेवा घोषणाएं तैयार की हैं। धीरे-धीरे यह उद्योग अपनी भूमिका को समझ रहा है।"
इन फिल्मों को अगले एक महीने में सिनेमाघरों में और टेलीविजन चैनलों पर दिखाया जाएगा।
हैदराबाद में अमेरिकी महावाणिज्य दूत कैथरीन हद्दा ने कहा, "इस समूह के समर्थन से यौन शोषण के बारे में हमारा महत्वपूर्ण संदेश इस क्षेत्र के लाखों लोगों खासकर पुरुषों और लड़कों तक पहुंचेगा।"
(रिपोर्टिंग-रोली श्रीवास्तव, संपादन- बेलिंडा गोल्डस्मिथ; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)
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