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खाड़ी देशों के पुरुषों के लिये भारतीय बाल वधुओं की 'पैकेज सौदों' के रूप में बिक्री

by Roli Srivastava | @Rolionaroll | Thomson Reuters Foundation
Tuesday, 10 October 2017 11:38 GMT

A teenager who was married to a 62-year-old Omani in Hyderabad, India, enters the office of a charity, Shaheen, that works with victims of such marriages, Sept 26, 2017. THOMSON REUTERS FOUNDATION/ROLI SRIVASTAVA

Image Caption and Rights Information

  • रोली श्रीवास्तव

हैदराबाद, 10 अक्टूबर (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) – 30-32 साल का दुबला पतला हाजी खान पिछले कई सालों से खाड़ी देशों से आने वाले उम्रदराज लोगों के लिये बाल वधुओं की तलाश में हैदराबाद के पुराने शहर की गलियों में चक्‍कर लगा रहा है। प्रत्‍येक लड़की की शादी करवाने के लिए उसे लगभग 10,000 रुपये मिलते हैं।

खान दो प्रकार के सौदे करता है: पहला 'पक्का' मतलब दीर्घकालिक विवाह, जिसमें लड़की अपने पति के साथ उसके देश जाती है और दूसरा 'टाइम पास' शादी, जो पुरूष के भारत में ठहरने की अवधि तक के लिये होती है।

अब पुलिस का मुखबिर बन चुके खान ने कहा, "हम होटल में प्रत्‍येक अरब पुरुष के सामने 20 से 30 लड़कियां खड़ी करते थे और वह उनमें से एक का चयन करता था। वे लोग नापसंद की गई लड़कियों को वापस घर भेजने के लिए 200 रुपये देते थे।"

खान ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "ये लोग होने वाली दुल्हन के लिये पुराने शादी के जोड़े, साबुन और रात को पहनने वाले गाऊन लेकर आते थे। ज्यादातर शादियां 'टाइम पास' होती थीं।"

पुलिस ने पिछले महीने प्रौद्योगिकी कंपनियों के केंद्र दक्षिण भारतीय शहर हैदराबाद में एक रैकेट का पर्दाफाश किया, जिसमें ओमान और दुबई जैसे खाड़ी देशों के अमीर पुरुषों ने भारत में अपने ठहरने की अवधि तक के लिये मुसलमान किशोरियों से शादी की थी।  

शादी के समय ही पुरूषों ने बाद की तारीख वाले तलाक के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये थे, ताकि उनके  देश छोड़ने के बाद उन वधुओं को यह कागजात सौंपे जा सकें।  

शादियां काज़ी द्वारा करवाई गई थीं और उन्‍होंने दुल्हन की असल उम्र छुपाकर उन्‍हें वयस्क बताया था। हैदराबाद में इस तरह की शादियां करवाने वाले मुख्य काज़ी को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले की जांच कर रहे हैदराबाद पुलिस उपायुक्‍त वी. सत्यनारायण ने कहा, "ज्यादातर लड़कियों को पता ही नहीं होता है कि शादी करने के 15 या 20 दिन के बाद ही उन्‍हें छोड़ दिया जायेगा। ये लोग पर्यटक वीजा पर यहां आते हैं, अनुबंध विवाह करते हैं और एक महीने बाद देश छोड़कर चले जाते हैं।"

People who have daughters at home keep their doors and windows shut during namaz time at a nearby mosque (not in the picture) in the Old City of Hyderabad, India, Sept 26, 2017. THOMSON REUTERS FOUNDATION/ROLI SRIVASTAVA

गुलामी                             

पुलिस ने कहा कि कुछ युवा दुल्हनें जो अपने पति के साथ उनके देश गई थीं उनसे वहां जबरन नौकरानी के तौर पर घरेलू काम करवाये गये या उन्‍हें यौन गुलामी के लिये मजबूर किया गया था।          

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मानव तस्करी और बच्चों के यौन शोषण के आरोप में पिछले महीने दलालों, काजि़यों, ओमान और कतर के भावी दुल्‍हों तथा होटल मालिकों सहित लगभग 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

इस कार्रवाई में 18 साल से कम उम्र की 14 लड़कियों को उनकी शादी होने से पहले बचाया गया था। गिरफ्तार दलालों में से लगभग आधी वे महिलाएं थीं, जो स्‍वयं इस अपराध की पीडि़ताएं थीं।

सत्यनारायण ने कहा, "हैदराबाद के इस हिस्से में अनुबंध विवाह कई सालों से प्रचलित है, लेकिन अब यह (लड़कियों की खरीद-फरोख्‍त) एक संगठित अंतर्राष्ट्रीय कारोबार बन गया है, जिसमें विभिन्न भारतीय शहरों और खाड़ी देशों के एजेंट तथा काज़ी शामिल हैं।"

यहां लड़कियां आसानी से उपलब्‍ध हैं और ज्‍यादातर शादियां ईद के बाद की जाती हैं। एजेंटों के मुताबिक यह "अनुकूल समय" होता है, क्‍योंकि इस दौरान सदियों से हैदराबाद से जुड़े खाड़ी के अरब देशों के पर्यटक यहां आते हैं।

19वीं सदी में तत्‍कालिन दक्षिण भारत की रियासत हैदराबाद के निज़ाम (शासक) द्वारा वर्तमान सऊदी अरब और ओमान के लोगों की सैनिकों के रूप में भर्ती की जाती थी।

उनके वंशज इस शहर में रहते हैं और पुरानी पीढ़ी 1970 और 80 के दशक में इस शहर में आये रिश्तेदारों की यात्रा के दौरान युवा अरब लोगों की हैदराबाद की लड़कियों के साथ हुये "अच्छे विवाह" को अब भी याद करते हैं।

हाल के वर्षों में सरकार से काज़ी द्वारा "अरब लोगों की शादी" करवाने की स्वीकृति मिलने के बाद से यह प्रचलन कारोबार में बदल गया है।

सत्यनारायण ने कहा, "उन लड़कियों को लगता है कि अगर वे अरब पुरूष से शादी करती हैं तो वे दुबई की ऐतिहासिक गगनचुंबी इमारत- बुर्ज खलीफा देखेंगी और अटलांटिस होटल जैसे खूबसूरत घरों में रहेंगी। वे ऐसी शादी के परिणामों से अनभिज्ञ होती हैं।"

Qadir Ali, a fourth generation qazi who performs marriages in the Muslim community has been speaking against the trend of marrying underage girls with old Arabs, at his office in the Old City of Hyderabad, India, September 26, 2016. THOMSON REUTERS FOUNDATION/ROLI SRIVASTAVA

यौन पर्यटन

एक कमरे के घर में अपने पांच भाई-बहनों और माता-पिता के साथ रहने वाली सातवीं कक्षा की लड़की के लिये एक अमीर पुरूष से शादी का प्रस्ताव इस स्‍थान से छुटकारा पाने का एकदम सही तरीका था।  

नाम ना छापने की शर्त पर लड़की ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "उस समय मैं 14 साल की थी जब हमारे पड़ोसी ने हमें बताया कि एक अमीर अरब लड़का दुल्हन की तलाश में है।  हम उससे मिलने गए। वह लड़का नहीं, बल्कि 62 साल का अधेड़ था।"

"दलाल ने मुझे आश्वस्त किया था कि अगर मैं उससे शादी करूं तो मेरा जीवन बदल जाएगा। मुझसे सोना, धन और मेरे माता-पिता के लिए एक घर देने का वादा किया गया था। मैंने उस पर भरोसा किया था।"

बगैर किसी ताम-झाम के उसकी शादी उस व्‍यक्ति से कर दी गई थी, जिसने उसकी मां को 30,000 रुपये दिये थे। उस व्‍यक्ति ने दलालों और काजी को 50,000 रुपये दिये, जिसने पांच दिन में उस व्‍यक्ति की यह दूसरी "शादी" करवाई थी।

हैदराबाद जिला बाल संरक्षण इकाई में विधि अधिकारी राफिया बानो ने कहा, "उस व्‍यक्ति की पहली पत्नी, जो एक किशोरी थी द्वारा पुलिस को सतर्क करने के बाद उस लड़की को छुड़ाने से पहले वह पुरूष उस लड़की के साथ एक होटल में एक दिन बिता चुका था।"

शादी के बाद  उस लड़की के परिजनों ने पड़ोसियों और मित्रों के सवालों के अम्‍बार से बचने के लिये अपना घर बदल लिया था। लड़की ने दोबारा अपनी पढ़ाई शुरू की, जो अब 11वीं कक्षा में है और तलाकशुदा है।

अधिकतर मुसलमानों की आबादी वाले हैदराबाद के गहमा गहमी से भरे पुराने शहर की तंग गलियों में लड़कियों की बचपन में शादी किये जाने के ऐसे अनगिनत किस्‍से हैं, जिनका केवल यौन शोषण किया गया और कुछ दिनों बाद उनका तलाक हो गया।

कार्यकर्ताओं और पुलिस का कहना है कि यहां शादी की आड़ में यौन पर्यटन उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है, लेकिन सरकारी आंकड़ों में इस समस्या को कमतर आंका गया है। राफिया बानो के कार्यालय ने पिछले तीन साल में केवल सात मामले दर्ज किए हैं।

थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के साथ बातचीत में एजेंटों, काजि़यों और पुलिस ने बताया कि शादी की अवधि के आधार पर दुल्हन को 30,000 रुपये या अधिक के "पैकेज सौदों" के रूप में पेश किया गया था।

इस पैकेज में अगर दुल्हन अपने पति के साथ उसके देश जा रही है तो वीजा औपचारिकताएं या अगर अल्पकालिक प्रवास है तो होटल बुकिंग जैसी शादी की कागजी कार्रवाई शामिल है।

पुलिस ने हैदराबाद और मुंबई में गिरफ्तार किये गये काजि़यों के कार्यालयों से कोरे निकाहनामें (शादी के प्रमाण पत्र) और तलाक के कागज़ात जब्त किए हैं।

हैदराबाद में चौथी पीढ़ी के काज़ी क़ादिर अली ने कहा, "वे खाड़ी देशों के अमीर व्‍यक्ति हैं और वे जानते हैं कि हैदराबाद में लोग गरीब हैं तथा लड़कियां उपलब्ध हैं। चूंकि वे शादी के बगैर औरत को छू नहीं सकते हैं इसलिये वे लड़की से शादी करते हैं और शादी के समय ही तलाक के लिए एक कोरे कागज़ पर हस्ताक्षर करते हैं।"

"वे अपनी अय्याशी के लिए इस्लाम का नाम खराब कर रहे हैं।"

अनुकूल स्‍थान

कभी अपने चमकीले मोती और 16वीं शताब्दी के प्रसिद्ध स्मारक चारमीनार के लिये मशहूर हैदराबाद 2000 के शुरुआती दशक में प्रमुख प्रौद्यागिकी केंद्र के रूप में उभरा है। इस शहर में भारतीय कंपनियों और फेसबुक तथा गूगल सहित वैश्विक नामचीन कंपनियों के कार्यालय हैं।

लेकिन शहर के शानदार आईटी जिले से मात्र 12 मील (20 किलोमीटर) की दूरी पर पुराने शहर की तंग गलियां हैं, जहां किशोरावस्‍था में पंहुचने पर अक्‍सर लड़कियां स्कूल जाना छोड़ देती हैं।

15 साल की तबस्सुम ने चारमीनार के पास के बाज़ार में पर्यटकों द्वारा खरीदी जाने वाली चुडि़यों पर चमकिले मोती जड़ने में अपनी मां की मदद करने के लिए स्कूल छोड़ दिया था और ऐसी ही लड़कियां शादी के एजेंटों की आसान शिकार होती हैं।

उसकी मां ज़रीना ने शादी के लिए उसे एक ओमानी पुरूष को दिखाते समय यह नहीं सोचा था कि वह अपनी बेटी को नुकसान पहुंचा रही है। उसने कहा, "हम गरीब लोग हैं और मैंने लड़कियों की शादी करने और उन्‍हें अच्छा जीवन मिलने के बारे में सुना था।"

लेकिन बगावत कर तबस्सुम भाग गयी और उसकी शादी नहीं हो पाई।

अनुबंध विवाह की पीडि़ताओं के लिये कार्य करने वाली धर्मार्थ संस्‍था- शाहीन की संस्थापक जमीला निशात ने कहा, "ये एक धंधा है। एक लड़की की बिक्री से कई परिवारों का पेट पलता है।"

पूर्व एजेंट हाजी खान इस कारोबार के दोनों पक्षों से वाकिफ है।

उसने कहा, "मैंने पिछले साल एक महीने में 50,000 रुपये की कमाई की थी। यह एक अच्छी राशि है, लेकिन लड़कियों के लिए यह बहुत दुखद स्थिति होती है।"

वह जानता है। उसकी पत्नी को भी अनुबंध विवाह के लिए मजबूर किया गया था और तीन साल पहले ही खान ने एक लाख रुपये का भुगतान कर उसे रिहा करवाया था। लेकिन हाल ही में पुलिस मुखबिर बनने से पहले तक उसने कई अन्य अरब पुरुषों के लिए बाल वधुओं का इंतजाम किया था।

उसने कहा, "यह एक खेल है, जिसे हम पैसों के लिए खेलते हैं।"

(रिपोर्टिंग- रोली श्रीवास्‍तव, संपादन- रोस रसल; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)

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