मुंबई, 10 मार्च (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) – बृहस्पतिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत और बहरीन मानव तस्करी रोकने और पीडि़तों को बचाने तथा उनकी स्वदेश वापसी में अधिक सहयोग के लिये कदम उठाने पर सहमत हो गये हैं।
पत्र सूचना कार्यालय के अनुसार अप्रैल के पहले सप्ताह में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की बहरीन यात्रा के दौरान सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। पिछले वर्ष भारत और बांग्लादेश के बीच तस्करी रोधी संधि हुई थी।
संयुक्त राष्ट्र नशीली दवाओं और अपराध कार्यालय के अनुसार विश्व में दक्षिण पूर्व एशिया के बाद, दक्षिण एशिया में मानव तस्करी सबसे तेजी से बढ़ रही है और यह मानव तस्करी का दूसरा बड़ा क्षेत्र है, जिसका केंद्र भारत है।
दक्षिण एशिया में प्रतिवर्ष ड़ेढ लाख से अधिक लोगों की तस्करी की जाती है, लेकिन यह कारोबार दबे- छुपे होता है और वास्तविक आंकड़े इससे काफी अधिक हो सकते है।
बयान में कहा गया है कि द्वीपक्षीय संधि के तहत भारत और बहरीन के बीच "मानव तस्करी से रोक, बचाव, बरामदगी और स्वदेश वापसी खासतौर से महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों में तेजी से जांच में द्वीपक्षीय सहयोग बढ़ेगा।"
भारत मानव तस्करी रोकने के लिये इसी प्रकार के समझौते अन्य खाड़ी देशों और नेपाल के साथ भी करना चाहता है।
बहरीन के लिये भारत मानव तस्करी का अहम स्रोत है। आमतौर पर दक्षिण एशिया से लोग बहरीन और अन्य खाड़ी देशों में घरेलू नौकर के तौर पर या निर्माण और अतिथि सत्कार क्षेत्र में काम करने के लिये स्वेच्छा से जाते है।
अच्छे वेतन और काम करने के लिये बेहतर वातावरण के वायदे के बावजूद बहरीन पंहुचने पर कुछ लोगों को जबरन मजदूरी करनी पड़ती है, क्योंकि उनके पासपोर्ट दबा लिये जाते है, उनके बाहर आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है, उन्हें वेतन नही दिया जाता है, उन्हें धमकियां दी जाती है और वे शारीरिक या दुष्कर्म के शिकार होते है।
विश्व में घरेलू नौकरों का सबसे अधिक शोषण होता है। इंडोनेशिया सहित कुछ एशियाई देशों ने महिलाओं को घरेलू काम करने के लिये मध्य पूर्व जाने पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है।
बयान में कहा गया है कि भारत और बहरीन का उद्देश्य दोनों देशों में तस्करों के मुकदमों और जांच में तेजी लाना है।
यह भी कहा गया है कि तस्करी रोकने और पीडि़तों की त्वरित स्वदेश वापसी के उपाय किये जायेंगे।
सहमति पत्र के कामकाज पर निगरानी के लिये दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों का संयुक्त कार्यबल गठित किया जाएगा।
(रिपोर्टिंग-रीना चंद्रन, संपादन-टीम पीयर्स। कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। और समाचारों के लिये देखें http://news.trust.org)
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