नई दिल्ली, 21 फरवरी (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) – स्वीडेन के फैशन विक्रेता कंपनी- हेन्स एंड मॉरिट्ज़ (एच एंड एम) ने मंगलवार को कहा कि कर्मियों के शोषण पर अंकुश लगाने के लिये कंपनी की 2018 तक दुनिया भर के अपने मुख्य आपूर्ति कारखानों में निर्वाचित समितियों का गठन और श्रमिकों के लिए उचित वेतन ढांचा तैयार करने की योजना है।
भारत में एच एंड एम की स्थिरता कार्यक्रम प्रमुख एलिन एस्ट्रोम का कहना है कि कपड़ा कंपनी को परिधान उद्योग में मजदूरों के शोषण के बारे में पता है और वह अपने मुख्य आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर श्रमिकों की स्थिति में सुधार के लिए कई पहलों पर कार्य कर रही है।
संयुक्त राष्ट्र के महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर एक कार्यक्रम में एस्ट्रोम ने कहा, "हम जानते हैं कि कपड़ा उद्योग में नौकरी पाना महिलाओं की स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण कारक हो सकता है। कई बार यह पहली नौकरी होती है, जो सकारात्मक बदलाव के लिए उत्प्रेरक हो सकती है।"
"इस उद्योग में हमारे सामने भी कार्यस्थल के माहौल, अत्यधिक ओवरटाइम, वेतन जैसी कई चुनौतियां हैं और कई तरीकों से हम इनसे निपटने की कोशिश कर रहे हैं।"
चार साल पहले बांग्लादेश में राना प्लाजा परिधान कारखाने के परिसर में हुई दुर्घटना के बाद से फैशन उद्योग पर विशेष रूप से अपने कारखानों की स्थिति और कर्मियों के अधिकारों में सुधार करने का दबाव बढ़ रहा है। राना प्लाजा दुर्घटना में 1,136 लोग मारे गए थे।
एच एंड एम सहित कई बड़े फैशन ब्रांड की आलोचना हुई है कि वे अपनी आपूर्ति श्रृंखला में कर्मियों की स्थिति की जांच करने में नाकाम रहे हैं, फिर चाहे वह कर्मियों के खराब स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों से लेकर कम वेतन में लंबे समय तक काम करवाना और ट्रेड यूनियन बनाने की मनाही हो।
पिछले साल मई में एशिया फ्लोर वेज अलायंस (एएफडब्ल्यूए) के एक अध्ययन में पाया गया कि दिल्ली और नोम पेन्ह के कारखानों में एच एंड एम के लिए कपड़े सिलने वाले कर्मी कम वेतन, तय अवधि के अनुबंध, जबरन ओवरटाइम करवाने और गर्भवती होने पर नौकरी से हटाने जैसी समस्याओं का सामना कर रहे थे।
ट्रेड यूनियनों और श्रम अधिकार समूहों के गठबंधन- एएफडब्ल्यूए ने इस पश्चिमी उच्च वर्ग के लिये परिधान बनाने वाले विक्रेता पर अपनी आपूर्ति श्रृंखला में सुधार की प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने का आरोप लगाया है।
एस्ट्रोम ने कहा कि फैशन ब्रांड एच एंड एम 25 देशों के कारखानों से अपने परिधान बनवाता है, जहां अप्रत्यक्ष रूप से 16 लाख परिधान कर्मी काम करते हैं और उनमें से 64 प्रतिशत महिलाएं हैं।
उन्होंने कहा, "स्त्रोत का जिम्मेदार होना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि हम अपनी पूरी आपूर्ति श्रृंखला के जरिये लाखों लोगों को रोजगार देते हैं।"
उन्होंने कहा कि आचार संहिता के माध्यम से कंपनी आपूर्तिकर्ताओं से अनुशासन में रहने की उम्मीद रखती है, लेकिन उन्हें एसोसिएशन बनाने की स्वतंत्रता और कर्मियों की बात सुनने जैसे मुद्दों को कारखाना मालिकों को समझाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि इस कपड़ा विक्रेता ने अपने मुख्य आपूर्तिकर्ताओं के लिये कर्मियों की बात सुनने के साथ ही कौशल और अनुभव के आधार पर उनका वेतनमान सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है।
एस्ट्रोम ने कहा, "प्रबंधन के सामने सार्थक तरीके से अपनी बात रखने में कर्मियों को सक्षम बनाने के लिये हमारा क्षमता निर्माण कार्यक्रम है। इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुये हमने अपने सभी रणनीतिक आपूर्तिकर्ताओं के समक्ष 2018 तक लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित कार्यकर्ता समितियों का गठन करने का लक्ष्य रखा है।"
"हम प्रतिबद्ध हैं कि प्रत्येक परिधान कर्मी की सम्मानीय जीवन जीने के लिये पर्याप्त आय हो और हम इस पूरे उद्योग में यह सुनिश्चित करना चाहते हैं।"
(रिपोर्टिंग- नीता भल्ला, संपादन- रोस रसल; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)
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