"वहां मेरे जैसी कई लड़कियां थीं। मैंने उनमें से किसी को भी वहां से निकलते या उस स्थान को छोड़ते नहीं देखा।"
- रोली श्रीवास्तव
मुंबई, 10 अगस्त (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन) - किशोरावस्था में यौन गुलामी करवाने के लिये
बेची गई 29 साल की एक भारतीय महिला ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वेश्यालय
में फंसी हजारों अन्य लड़कियों को बचाने का आग्रह किया, जिनके साथ रोजाना दुष्कर्म किया
जाता है।
अपना नाम तवी बताने वाली महिला ने हिंदी में लिखे दो-पन्ने के पत्र में बताया कि जब वह 17
साल की थी तब कैसे उसे धोखा दिया गया और उसकी तस्करी कर उसे मुंबई के एक वेश्यालय
में बेच दिया गया था और पुलिस द्वारा बचाने से पहले छह साल तक उसका यौन शोषण किया
गया था।
यह पत्र भारत में सुर्खियों में आया, जहां दुनिया में सबसे अधिक दास हैं, लेकिन भारत सरकार ने
केवल हाल ही में आधुनिक गुलामी से निपटने के प्रयास बढ़ाएं हैं।
गुरूवार को थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को दिये एक साक्षात्कार में तवी ने कहा, "मुझे मदद मिली
और मुझे बचा लिया गया। वहां मेरे जैसी कई लड़कियां थीं। मैंने उनमें से किसी को भी वहां से
निकलते या उस स्थान को छोड़ते नहीं देखा। मैंने उन जैसी लड़कियों के लिये यह पत्र लिखा
है।”
"ये लड़कियां बेरोजगार हैं। उनके पास कोई काम नहीं है, पैसे नहीं हैं। लोग उन्हें मुंबई में काम
दिलाने का झूठा वादा कर बरगलाते हैं। प्रधानमंत्री को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि
लड़कियों के लिए नौकरी के अवसर हो ताकि वे इस जाल में न फंस सकें।"
वैश्विक गुलामी सूचकांक 2016 के अनुसार दुनिया भर में लगभग चार करोड़ 60 लाख लोग
दास हैं। इनमें से ज्यादातरों की तस्करी कर वेश्यालयों में बेच दिया गया, कईयों को मजदूरी
करने के लिये मजबूर किया गया, कई ऋण बंधन से पीडि़त है या उनका जन्म दासता के हालात
में ही हुआ है।
उनमें से 40 प्रतिशत या एक करोड़ 80 लाख से अधिक दास भारत में हैं।
अधिकतर लड़कियां गरीब ग्रामीण क्षेत्रों की होती हैं, जिन्हें अच्छी नौकरी दिलाने या उनकी शादी
करवाने के लिये बरगलाया जाता है, लेकिन उन्हें घरेलू नौकरानी के तौर पर अथवा ईंट भट्ठों,
कपड़ा कारखानों में काम करने के लिये बेचा जाता है या वेश्यावृत्ति में ढ़केल दिया जाता है।
यौन गुलामी करवाने के लिये बेची गई महिलाओं की संख्या के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है,
लेकिन अध्ययनों का अनुमान है लगभग दो करोड़ भारतीय देह व्यापार में शामिल हैं और उनमें से
लगभग आधे लोग 18 वर्ष से कम उम्र के हैं।
मोदी को लिखे अपने पत्र में तवी ने बताया कि 2005 में उसका प्रेमी उससे शादी करने का झांसा
देकर उसे कोलकाता के उसके अपने घर से मुंबई ले आया था, लेकिन यहां उसे 60,000 रुपये में एक
वेश्यालय को बेच दिया।
छह साल तक उसे मुंबई के विभिन्न वेश्यालयों में ले जाया गया। अंत में 2011 में पुलिस छापे
के दौरान उसे बचाया गया था।
सोमवार को हिंदू त्योहार भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षा बंधन के अवसर पर यह पत्र मोदी को
दिया गया।
अब मुंबई के एक कपड़ा कारखाने में कार्यरत तवी ने कहा कि मोदी उसके लिये भाई के समान
हैं। उसने कहा कि देह व्यापार में फंसी अन्य महिलाओं और लड़कियों की रक्षा करना उनका
कर्तव्य है।
उसने लिखा "मैं मानव तस्करी की शिकार थी और मेरा जीवन नरक था। मुझे पीटा जाता था,
मेरे साथ गाली गलौच की जाती थी और एक जानवर से भी बदतर व्यवहार किया जाता था।
मुझे लगता था कि मैं वेश्यालय में ही मर जाऊंगी।"
"अब भी कई महिलाएं वेश्यालयों में फंसी हुई हैं। आप उन सभी महिलाओं के भाई के समान हैं।
मैं आपसे उनकी रक्षा करने का अनुरोध करती हूं।"
मोदी को पत्र सौंपने वाले एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पत्र का उत्तर देने का वादा किया है।
(रिपोर्टिंग- रोली श्रीवास्तव, संपादन- नीता भल्ला और लिंडसे ग्रीफिथ; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की
धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार,
तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)
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